आओ कुछ यादें ढूँढे पुरानी वो माँ के सुनहरे रंग की सारी वो दादी की मुस्कुराहट नूरानी,
आओ कुछ यादें ढूँढे पुरानी
वो माँ के सुनहरे रंग की सारी
वो दादी की मुस्कुराहट नूरानी,
वो पापा का लाड़
वो दादाजी की किससे
उन्ही की ज़ुबानी,
वो थाल भर खाई मिठाई
वो प्रेम से भरी दीपावली सबके साथ मनाई........
आओ फिरसे प्रेम संग से दीपावली मानते हैं
थोड़ा अपनो के साथ
थोड़ा अपने साथ काम करने वालों के साथ
मिलकर एकता के दीप जलते हैं.........
धनतेरा एवम् दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सोनालिनिर्मित
वो माँ के सुनहरे रंग की सारी
वो दादी की मुस्कुराहट नूरानी,
वो पापा का लाड़
वो दादाजी की किससे
उन्ही की ज़ुबानी,
वो थाल भर खाई मिठाई
वो प्रेम से भरी दीपावली सबके साथ मनाई........
आओ फिरसे प्रेम संग से दीपावली मानते हैं
थोड़ा अपनो के साथ
थोड़ा अपने साथ काम करने वालों के साथ
मिलकर एकता के दीप जलते हैं.........
धनतेरा एवम् दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सोनालिनिर्मित
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