कब्र ताक में बैठी थी हमसे मिलने की आरज़ू लिए
कब्र ताक में बैठी थी
हमसे मिलने की आरज़ू लिए
और हम चलते जा रहे थे
हज़ारो सपनो के ले कर दिए,
हारी वो जीते हम
क्योकि दुआओं मे अपनो की
उसे रोकने का है दम...............
हमसे मिलने की आरज़ू लिए
और हम चलते जा रहे थे
हज़ारो सपनो के ले कर दिए,
हारी वो जीते हम
क्योकि दुआओं मे अपनो की
उसे रोकने का है दम...............
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