कंधे तो बहुत मिले राहों में हमने सोचा वक़्त आने पर सिर रख दो आँसू बहा देंगे हमे ना पता था वे हमारा जनाज़ा उठाने को बैठे थे ...........
कंधे तो बहुत मिले राहों में
हमने सोचा
वक़्त आने पर सिर रख दो आँसू बहा देंगे
हमे ना पता था
वे हमारा जनाज़ा उठाने को बैठे थे ...........
हमने सोचा
वक़्त आने पर सिर रख दो आँसू बहा देंगे
हमे ना पता था
वे हमारा जनाज़ा उठाने को बैठे थे ...........
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