युहीन नही होंठों पर तेरा नाम लेने से तर जाता हूँ ,
युहीन नही होंठों पर
तेरा नाम लेने से तर जाता हूँ ,
तुझे अपनी ज़िंदगी का बादशाह कहता
तेरी आँखों मे खुद की तस्वीर देख
निखार पाता हूँ,
खुदा को नही देखा
पर तुझसे ज़्यादा क्या चाहेगा मुझे
कह पाता हूँ,
मैं फिसलूं या उड़ूँ
दोनो की मंज़िल में
तेरा साथ ही पाता हूँ ...........
तेरा नाम लेने से तर जाता हूँ ,
तुझे अपनी ज़िंदगी का बादशाह कहता
तेरी आँखों मे खुद की तस्वीर देख
निखार पाता हूँ,
खुदा को नही देखा
पर तुझसे ज़्यादा क्या चाहेगा मुझे
कह पाता हूँ,
मैं फिसलूं या उड़ूँ
दोनो की मंज़िल में
तेरा साथ ही पाता हूँ ...........
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