जब तक तू साँसों से नही होसले से ज़िंदा है ...................

यूँ थक मत मुसाफिर
ज़िंदगी से
अभी सफ़र लंबा है ,
कौन यहाँ किसका है
बस वक़्त हा अपना

 तब तक
जब तक तू साँसों से नही
होसले से ज़िंदा है ...................

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