वक़्त से सबको उम्मीदें हैं पर खुद के कर्म मौन है

ज़िंदगी सब जी रहें हैं
पर ज़िंदा कौन है ?

वक़्त से सबको उम्मीदें हैं
पर खुद के कर्म मौन है 

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