पत्थर सी हो गई ......
मुस्कुराते रहने का हुनर
हम पर यूँ भारी पड़ा
कि जब गम बताना चाहा
तो लोगो ने मज़ाक में दिया उड़ा
हमारी आँखों का समुंदर बह नही पाया
मन उस तूफान को से नही पाया ,
तब से
मुस्कुराते रहने की अदा से
यूँ नफ़रत सी हो गई ,
खूबसूरत लगती थी जो ज़िंदगी
उस पल से
पत्थर सी हो गई ......
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