असर आपकी महोब्बत का

वो नज़ारे हवाओं के थे
जिनके रुख़ के चलते खुद ब खुद
नज़मों में अल्फ़ाज़ सिले जा रहे थे,
और उन छुपी नज़मों में असर आपकी महोब्बत का था
जो उन हवाओं की और हमको लिए जा रहें थे .....

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