मैं जब भी जहाँ भी जैसे भी जन्म लूँ, खुश हूँ अगर बिटिया बनूँ
मैं जब भी जहाँ भी
जैसे भी जन्म लूँ,
खुश हूँ अगर बिटिया बनूँ
मुझे डर नहीं ज़माने की मार का
जीत का यार हार का ,
क्योंकि मैं जानती हूँ
कि हम कमज़ोर नही
हम जो जब ठान लें
कर सकते हैं तभी .............
happy womens day
जैसे भी जन्म लूँ,
खुश हूँ अगर बिटिया बनूँ
मुझे डर नहीं ज़माने की मार का
जीत का यार हार का ,
क्योंकि मैं जानती हूँ
कि हम कमज़ोर नही
हम जो जब ठान लें
कर सकते हैं तभी .............
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