तेरी बेरूख़ी से भी , क्या खूब सीखा हमने

तेरी बेरूख़ी से भी
क्या खूब सीखा हमने
कि गम के छू लेने से
हम कमज़ोर पढ़ जाते थे
आज मुस्कुरकर गले लगाते हैं ,
तू भले ही हमें याद करे या ना करे
हम तुझे गुरु मान
इज़्ज़त से याद कर पाते है ...............

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