वक़्त का तमाशा है
वक़्त का तमाशा है
कैसा करतब दिखता है ......
जिसके बिना कभी कल बीता नही
उसका आज ज़िंदगी में वजूद नही,
कल जो धुन मैं गुनगुनता था
आज उससे दूर भागता हूँ,
जिस खुदा को मैं कल मानता नही था
आज सिर्फ़ उस ही को जनता हूँ.....
कैसा करतब दिखता है ......
जिसके बिना कभी कल बीता नही
उसका आज ज़िंदगी में वजूद नही,
कल जो धुन मैं गुनगुनता था
आज उससे दूर भागता हूँ,
जिस खुदा को मैं कल मानता नही था
आज सिर्फ़ उस ही को जनता हूँ.....
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