दूरियाँ इतनी बढ़ा दी तुमने

दूरियाँ इतनी बढ़ा दी तुमने
कि आज तुम्हारे वापिस मिलने पर खुशी का वो एहसास नही
जीना तुम्हारे बिना सिखादिया तुमने मुझे
अब तुम्हारी कमी का वो आभास नही ,
बस गुज़ारिश है इतनी
कि ना बिगड़े रिश्ते फिरसे
नज़दीकियाँ ऐसी बनाए रखना
जॅग हॅसायी ना हो हमारे रिश्तों की
दिल मे प्रेम इतना बनाए रखना ............



किसी ने क्या खूब कहा है
बात कितनी भी हो
इतनी मत खीचों ....क़ी फसलें कम ना हो पाएँ
जिन के बिना जीना ही नही
तो उनसे बेरूख़ी के फासलें इतने क्यों भड़ाए.........

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