इतनी सी बात थी काश पहले ही स्वीकार ली होती

इतनी सी बात थी
काश पहले ही स्वीकार ली होती
जो बीत गई अब तक
आसानी से गुज़ार ली होती
कि ...........
रोटी अपनी भूक की
नमक स्वाद अनुसार ही खाया जाता है
रिश्ता विश्वास की बुनियाद पर ही निभाया जाता है,
हम किसी से भी जुदा नही हो सकते
जब तक मन ना चाहता है
और जिस दिन मन जुदा हो गए
उस दिन जीत कर भी इंसान हार जाता है ................

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