ये वक़्त लौट कर ना आएगा
ये
वक़्त लौट कर ना आएगा
ये वक़्त लौट कर ना आएगा
तू अपने आज को आज ही जी ले
कल ये सोच कर केवल पछताएगा,
ध्यान से सुन समुंदर
की लेहर
दिन की दोपेहर, ढलती हुई
शाम
और महकती सहर ,
एक ही बात दौहराते हैं
हम लौट कर ज़रूर आतें हैं
पर साथ नया वक़्त ही लातें हैं ,
जहाँ लहरों में हर पल नई उमंग
दोपहर में नई तरंग
ढलती शाम फैला कर बाहें
महसूस कर तुझे गले लगाएँ,
इसलिए
सपनो को तू सजाए जा
कदमों को आगे बढ़ाए जा, ज़्यादा
सोच मत
ये वक़्त लौट कर ना आएगा ,
माँ के आँचल की महक को समेट ले
जो मिला है उसको देख ले,
अपनी ग़लतियों से हर पल सीख ले,
जो छूट गया वो तेरा ना था सोच ले
हर रोज़ सवेरा तुझे खुद जगाने आएगा,
तू अपने आज को आज ही जी ले
कल ये सोच कर केवल पछताएगा ,
वक़्त से कोई उम्मीद ना कर तू
खुद से खुद को जीत ले तू,
तेरे मुक़्क़दर को तुझसे कोई छीन नही सकता
बस उसको हासिल करने के लिए.........अपने कर्म
कर तू,
ये वक़्त खुद तेरे आगे सिर झुकाएगा
अपने आज को आज जी ले
कल ये सोच कर तू केवल पछताएगा,
खोबसूरती इस दुनिया की
तेरा नज़रिया ही दिखलाएगा ,
इसलिए बदल कर देख अपनी सोच को तू
तेरा जीवन उस पल से ही खिल जाएगा ,
खुदा पर विश्वास कर ,ए खुदा के बंदे
जो रंग मिले हैं, उस ही से
खुद को रंग दे,
तू हिम्मत का हाथ थम कर चलता चला जाएगा,
अपने आज को आज ही जी ले
कल ये सोच कर केवल पछताएगा
क्योंकि ये वक़्त लौट कर ना आएगा|
धन्यवाद
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