सागर की बूँद बनो सागर का उफान नही ,
सागर की बूँद बनो
सागर का उफान नही ,
काम करो ऐसा की
भीड़ में भी बना सको पहचान नई
क्योंकि
जिसके पास एहसास नही
मर कर क्या.............. उसमें तो जीते जी भी जान नही ...............
और जिसमें जान नही ...............
उसका तो ज़िंदगी भी करती सम्मान नही ...............
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