सुहागन का सजे सुहाग
सुहागन का सजे सुहाग
सिंदूर की राखे साजन लाज ,
माँ के आँचल तले
दुनिया बेटियों की पले ,
पिता आनन्दित हो
जब बेटी की पायल बजे
बहू के प्रेम से
ससुराल में फूल खिलें
क्योंकि
एक लड़की वो देन है
जिसके हाथों में दो परिवारों की मेहन्दी सजे ..........
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