दीप दीपावली के हम जलाएँ

दीप दीपावली के हम जलाएँ
वहाँ सरहदों पर जवान वतन पर कुर्बान हो जाएँ
यहाँ आँखों मे हम त्योहार की रौनक सजाएँ
वहाँ वीरों के परिवार वालों की आँखें भर आएँ ,
यहाँ भाईयों की मनपसंद , हम मिठाइयाँ बनवाएँ
वहाँ वीरों की बहने उन मिठाइयों को देख देख रोती जाएँ ,
कैसा अजब सा नज़ारा है ना......
देश में देशवासी त्योहार मनाएँ
हमारी खुशाली के लिए वीर अमर हो जाएँ ,
क्या हमारा फ़र्ज़ नही
कि हम उनके लिए कुछ कर पाएँ
मानते हैं कि उनका दुख तो हम कम नही कर सकते
तो चलो कम से कम उनका दुख ही बाट आएँ ...




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