सपने
सपने
खुवाबों में तुम रखते हो हमसे वास्ता
हर उम्मीद का गुज़रता है तुमसे रास्ता ,
खो जाते हो तुम , भोर होने पर
ढूंढता रहता हूँ तुम्हे हर डगर ,
क्या वास्तविकता से तुम्हारा नाता नही
या
होश में बैठा मानव तुमको भाता नही .............
खुवाबों में तुम रखते हो हमसे वास्ता
हर उम्मीद का गुज़रता है तुमसे रास्ता ,
खो जाते हो तुम , भोर होने पर
ढूंढता रहता हूँ तुम्हे हर डगर ,
क्या वास्तविकता से तुम्हारा नाता नही
या
होश में बैठा मानव तुमको भाता नही .............
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