मन की खुशी का ठिकाना नही
मन की खुशी का ठिकाना नही
पिता से बड़ा आशियाना नही,
चाहे मिल जाए जहाँ
माँ की कमी
कोई पूरी कर सकता नही ,
भाई , बहन का सत्कार करे
इससे बड़ा प्यार का व्यवहार नही,
मायके के आँगन में
बेटी को दुलार मिले ,
बेटी के लए इससे बड़ा कोई उपहार नही
पिता से बड़ा आशियाना नही,
चाहे मिल जाए जहाँ
माँ की कमी
कोई पूरी कर सकता नही ,
भाई , बहन का सत्कार करे
इससे बड़ा प्यार का व्यवहार नही,
मायके के आँगन में
बेटी को दुलार मिले ,
बेटी के लए इससे बड़ा कोई उपहार नही
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