आँसुओं से आज मेरा ताना बाना था

आँसुओं से आज मेरा
ताना बाना था
खुशी हो या गम
चेहरे पर इन्ही का ठिकाना था
वक़्त बीता हो
या आने वाला हो
इन्हीं की मिठास में छुपा ख़ज़ाना था
होंठों को छूँ लेने के पीछे भी
मन के समुंदर को उफान से बचाने का इनके पास  बहाना था
इन खट्टी मीठी बूँदों के वज़न का लगाने बैठी थी अंदाज़ा था
इनको मापने के चक्कर जब गहरी उतरी
तो पता चला
गम हो या खुशी
हर चेहरे पर इनका क्यों ताना बना था



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