दोस्तों का साथ हो अगर ज़िंदगी बहुत खूबसूरत बन जाती है
यूँ ही चलें दो दिन अपने साथ बिताने
कुछ यारों की सुनने
कुछ मन की उनको सुनने ,
खुश नसीब हैं
जो आज के दौर में भी
ऐसे दोस्त नसीब हैं
वरना ज़िंदगी की असली महक के आनंद से हम वंचित रह जाते
तारों की छाओं में बैठ कर भी चाँदनी का
अहसास नही कर पाते
तब केवल तस्वीरों में हम मुस्कुराते
अब तस्वीरें भी हमारी मुस्कुराती हैं
दोस्तों का साथ हो अगर
ज़िंदगी बहुत खूबसूरत बन जाती है
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