वो कहते है हमसे

वो कहते है हमसे
तुमने जो भी किया
ग़लत ही किया ,
हमने उनकी और नज़रे घुमाई
तो बोलें
खबरदार जो तुमने जवाब कोई भी दिया
वो फ़ैसला सुनते गए
हमारे सवालों को बढ़ाते गए,
इस तरह हमें खामोश कर
वो नादान आनंद लेते हैं
 पर शायद उन्हें इल्म नही
कि इस तरह वे हमारे भीतर जलते आंदोलन को पनाह देते गए ...............

Comments

Popular posts from this blog

ग़लत फैमिय|

THINK POSITIVE