पिता वो सवेरा है

 पिता वो सवेरा है
जिनके साथ सब कुछ मेरा है
पिता वो शाम है
जहाँ सब कुछ मेरे नाम है
पिता है वो  सीख
जिसे अपना लें तो ना माँगनी पड़े कभी भीक ,
पिता वो सम्मान है
जिससे चलता हमारा नाम है,
पिता वो सागर है
जो खुद पियासा रह कर
भरता हमारा खुशी का गागर है.......

Comments

Popular posts from this blog