मौसम का भी अपना एक अलग ही है जादू,
मौसम का भी अपना
एक अलग ही है जादू,
मन की चंचलता को
कर देता बेकाबू,
बरसे तो आँगन
हमारा महके
बाहें फैलाए कोयल
भी चहके,
भीनी भीनी सी बरसात की खुशबू
जैसे करती हो हमसे गुफ्तगू,
आकाश के बदलते नीले रंग
भर देते मन में तरंग,
बदलो की गड़गड़ाहट
ठंडी पवन....................
कहती है हमसे
झूम ले कुछ पल , ए खुदा के बंदे
जब झूम रहा है गगन.............
एक अलग ही है जादू,
मन की चंचलता को
कर देता बेकाबू,
बरसे तो आँगन
हमारा महके
बाहें फैलाए कोयल
भी चहके,
भीनी भीनी सी बरसात की खुशबू
जैसे करती हो हमसे गुफ्तगू,
आकाश के बदलते नीले रंग
भर देते मन में तरंग,
बदलो की गड़गड़ाहट
ठंडी पवन....................
कहती है हमसे
झूम ले कुछ पल , ए खुदा के बंदे
जब झूम रहा है गगन.............
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