दो पंक्तियों में

दो पंक्तियों में 
बस यही कहना चाहूँगी 
जब भी ,जहाँ भी, जन्म मिले
सदैव औरत ही बनना चाहूँगी 
वजह......
खुदा ने इतनी खूबसूरती भरी है इसमें
जो संसार कभी पूर्ण रूप से देख नही पाएगा
मगर हम खुद को खुश नसीब समझेंगे
यदि खुदा हमे बार- बार उसका हिस्सा बनाएगा ..............

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