कसम है मुझे ए वक़्त
कसम है मुझे ए वक़्त
अब तुझ पर भरोसा रख कर
नही बैठूँगा
तुझे दोस्त समझ सोचता था
तेरी दोस्ती के कारण किनारों से मिलता था,
पर कुछ बातें
ठोकर खा कर ही समझ आती हैं
तू भी मेरा नहीं
सिर्फ़ कर्मों का साथी है.......
अब तुझ पर भरोसा रख कर
नही बैठूँगा
तुझे दोस्त समझ सोचता था
तेरी दोस्ती के कारण किनारों से मिलता था,
पर कुछ बातें
ठोकर खा कर ही समझ आती हैं
तू भी मेरा नहीं
सिर्फ़ कर्मों का साथी है.......
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