शहीदी दिवस के अवसर पर शहीदों के मन की बात कहना चाहूँगी .........

शहीदी दिवस के अवसर पर
शहीदों के मन की बात कहना चाहूँगी .........

सरहदों से इश्क कर बैठे हैं
इसलिए हम वही पर रहते हैं,
ऐसा नही की हमारे परिवार में हमारा मन नही
पर मक्खी भी किसी गैर मुल्क की सिर उठा कर सरहद को देखे
वो हमे पसंद नही,
बात जब मात्रभूमि की हो
तो हमे किसी पर विश्वास नही
इसकी खुशहाली बनाए रखने के सिवा
हमारा कोई खुवाब नही,
बल्कि अब खुवाहिश है
कि मर कर भी रूह को रखें ज़िंदा
ताकि थर थर कांपे हर वो परिंदा,

मज़बूर करदें हर आतंक को सोचने पर
की आख़िर लड़ना किससे है
यहाँ तो
सरहदें ओटें सेना ज़मीं पर है
तो
फ़िज़ाओं से लिपटी रूह में सेना ...............आसमाँ में
ऐसी देश भक्ति ना देखी किसी जहाँ में

सलाम कर रुख़ मोड़ लें
भारत को जीतने का खुवाब छोड़ दें...............

जय भारत

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