आज कह दिया जमाने से
आज कह दिया जमाने से
ना पूछो की मैं क्या चाहती हूँ
ये लड़ाई मेरी खुद की है
अब मुझे सहारा मत दो,
जब चाहिए था
तभ किसी ने परवाह ना की
अब मैं फ़ैसला ले चुकीं हूँ
तुम मुझे किनारा मत दो,
मुझे समझ आ गया है
कि रास्तों को उस दिन
खुद ब खुद किनारा मिल जाता है
जिस दिन कदमो को खुद का
सहारा मिल जाता है.........
ना पूछो की मैं क्या चाहती हूँ
ये लड़ाई मेरी खुद की है
अब मुझे सहारा मत दो,
जब चाहिए था
तभ किसी ने परवाह ना की
अब मैं फ़ैसला ले चुकीं हूँ
तुम मुझे किनारा मत दो,
मुझे समझ आ गया है
कि रास्तों को उस दिन
खुद ब खुद किनारा मिल जाता है
जिस दिन कदमो को खुद का
सहारा मिल जाता है.........
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