अनजाने कभी कभी Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps March 01, 2017 अनजाने कभी कभी कुछ इस तरह टकराते हैं मुलाक़ातें कभी हुई नहीं शामें साथ गुज़री हों यूँ जसबात टकराते हैं Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
ग़लत फैमिय| June 12, 2017 ग़लत फैमियों का असर इतना गहरा पड़ा आज सूरज को भी देखती हूँ तो लगता है ये भी किसी स्वार्थ के कारण है खड़ा................... Read more
THINK POSITIVE June 14, 2020 इन्हें भी समझ आ गया है और हम हैं कि अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं कमाल है उम्मीद के दिए जलाओ शांति के गीत गाओ धैर्य को अपनाओ मिलकर इस संकट को भगाओ Read more
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