क्या खूब कहा था किसी ने

क्या खूब कहा था किसी ने
हसरते पूरी करने की खुवाहिश में ना उतरना मेरे दोस्त
ये ज़िंदगी का मेला हसीन ज़रूर दिखता है
पर यहाँ खुवाहिशे पूरी करने के नाम पर सुकून बिकता है,
तुम एक हसरत पूरी करोगे
वो दूसरी का दरवाज़ा खोल जाएगा
इस सफ़र में उलझ कर तू एक दिन जीना ही भूल जाएगा,
दूर बैठे दरिया का पानी मीठा ही लगेगा
पर आज जो 2 रोटी तू चैन से खा रहा है
सुकून से जीना
एक दिन तुझे उस ही में दिखेगा
इसलिए इच्छा कर
पर चैन मत गवा
जो है उसका शुक्रिया अदा कर
देख जीने में आएगा कितना मज़ा.......

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