कुछ इस तरह मैं वक़्त से टकराया,,,,,
कुछ इस तरह
मैं वक़्त से टकराया,,,,,
कि जिस पर मैने सब कुछ लूटाया था
आज उस ही ने मुझे सरे बाज़ार गिराया,
मैं सोचता था की इम्तेहान मेरे ख़त्म हो गए
पर अस्ल तज़ुर्बा मैने वक़्त से ही पाया.........
मैं वक़्त से टकराया,,,,,
कि जिस पर मैने सब कुछ लूटाया था
आज उस ही ने मुझे सरे बाज़ार गिराया,
मैं सोचता था की इम्तेहान मेरे ख़त्म हो गए
पर अस्ल तज़ुर्बा मैने वक़्त से ही पाया.........
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