तेरे आँसुओं की कीमत हम कभी चुका नही पाएँगे
तेरे आँसुओं की कीमत हम कभी चुका नही पाएँगे
गुज़ारिश है तुझसे इन्हे इस कदर ना बहा
वरना हम तुझे निभा भी नही पाएँगे,
इसलिए नही की हम कठोर हैं
बलकि इसलिए की हम कमज़ोर हैं
लड़ सकते हैं हम जहाँ से
पर लड़ेंगे नहीं
रस्तो पर से काँटे तू खुद ही चुनेगी
बस निकलेगी जिधर से
हम मिलेंगे खड़े वहीं............
गुज़ारिश है तुझसे इन्हे इस कदर ना बहा
वरना हम तुझे निभा भी नही पाएँगे,
इसलिए नही की हम कठोर हैं
बलकि इसलिए की हम कमज़ोर हैं
लड़ सकते हैं हम जहाँ से
पर लड़ेंगे नहीं
रस्तो पर से काँटे तू खुद ही चुनेगी
बस निकलेगी जिधर से
हम मिलेंगे खड़े वहीं............
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