जाने मन क्या कहता है

जाने मन क्या कहता है
किस गुफ्तगू मे रहता है,
मेरा साथ देने की बजाए
संग आसुओं के बहता है,
मैं सोचती थी की वो मेरी कमज़ोरी है
पर क्या जानती थी,
मुझ तक पहॉंच ने पहले
वो मेरे दर्द को सहता है………..
बिन कहे भी ये मान बहोत कुछ कहता है….

धन्यवाद
सोनाली सिंघल



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