नज़ाने केसा समय आने वाला है

नज़ाने केसा समय आने वाला है
धूप मैं भी अब सब दिखता काला है,
अनकही सी बन गई हर एक सोच
शायद वक़्त अपनी मार अब मुझ पर बरसाने वाला है,
लम्हे हाथो से फिसलने लगे हैं
कोई है जो मुझे अब तड़पाने वाला है……

धन्यवाद
सोनाली सिंघल



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