करमो की गठरी ने कुछ इस तरह पलटी मारी
कि दूर हो गई वो सब चीज़ जो लगती थी पिया री…
..इसलिए अब
नींद मे भी सुकून मिलता नही…..
.क्युकि
इस शरीर को कुछ झिलता नही……..
अपनो के पियार ने ही मुझे संजो रखा है
वरना फिर जीने की हिम्मत मुझे मिलती नही……………
धन्यवाद
सोनाली सिंघल
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